Janaki Jayanti 2024: तिथि और शुभ समय, पूजा विधि, महत्व

Janaki Jayanti 2024

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Janaki Jayanti 2024: जनकी जयंती नेपाली हिन्दु धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है, जो जनकपुर नगरी में मनाया जाता है। यह पर्व माता सीता की जन्मजयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान राम की पत्नी के रूप में प्रसिद्ध हैं। जनकी जयंती का आयोजन विशेष रूप से नेपाल के जनकपुर नगरी में किया जाता है, जहां सीता मंदिर में भगवान सीता की पूजा अर्चना की जाती है।

जनकी जयंती के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अपने घरों को सजाते हैं और सीता मंदिर जाकर पूजा करते हैं। इस दिन लोग मिठाई और विभिन्न प्रकार के भोजन का प्रसाद तैयार करते हैं और गरीबों को भी दान देते हैं। यह त्योहार भक्ति और सेवा के भाव को मजबूत करने का अवसर प्रदान करता है।

नेपाल में जनकी जयंती के अलावा भी कई धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग इस दिन विशेष रूप से भजन-कीर्तन करते हैं और भगवान राम-सीता के जीवन के किस्से सुनाते हैं। इसके अलावा, कई स्थानों पर रामलीला का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें भगवान राम के जीवन के प्रमुख किस्से दिखाए जाते हैं।

जनकी जयंती का महत्व धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से भी है। इस दिन की पूजा-अर्चना से लोग भगवान राम और सीता की कृपा प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। साथ ही, इस त्योहार के दिन लोग दान-पुण्य का भी बहुत महत्व देते हैं और गरीबों की सहायता करने का प्रयास करते हैं।

इस प्रकार, जनकी जयंती एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भगवान राम और माता सीता की पूजा-अर्चना के साथ-साथ सेवा और दान के महत्व को भी बल देता है। यह त्योहार हमें धर्म और सेवा के महत्व को समझाता है और हमें एक सजीव और समृद्ध समाज का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करता है।


जानकी जयंती तिथि और शुभ समय ✨

पंचांग के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 3 मार्च 2024 को सुबह 08.44 से शुरू होगी और 4 मार्च 2024 को सुबह 08.49 तक रहेगी. इस दिन मां सीता की पूजा के लिए सुबह 09.38 से सुबह 11.05 तक शुभ मुहूर्त है.


🌺 जानकी जयंती पूजा विधि 🙏

Janaki Jayanti 2024

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जानकी जयंती पूजा विधि का महत्वपूर्ण त्योहार है, जो माता सीता की जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की पत्नी सीता की पूजा विधि का अनुसरण किया जाता है, जिसमें व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है। जानकी जयंती पूजा विधि को अपनाकर भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है और सुख-शांति प्राप्ति होती है।

जानकी जयंती पूजा की शुरुआत शुभ मुहूर्त में होती है। इसके लिए योग्य समय और तिथि का चयन करें। उसके बाद, पूजा स्थल को सजाएं और साफ सुथरा रखें। उसके बाद, माता सीता की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें और उन्हें पुष्प, रंगों की अभिषेक, दीप और नैवेद्य चढ़ाएं।

पूजा के दौरान भजन और कीर्तन गाएं, माता सीता की कथा सुनें और उनके जन्म की महिमा गाएं। आरती करें और फिर प्रसाद बांटें। व्रत रखते समय नमक और हल्दी वाले अन्य खाद्य पदार्थ न खाएं, और सिर्फ सात्विक भोजन का सेवन करें।

पूजा के बाद, भक्तों को प्रसाद दें और उनके साथ भोजन करें। इस दिन दान-धर्म, सेवा और समर्पण की भावना से काम करें। इससे आपका जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होगी।


FAQ-(सामान्य प्रश्न ) 


सीता अष्टमी क्यों मनाई जाती है?

सीता माता की मृत्यु कैसे हुई?

सीता कौन सी जाति की थी?

सीता गर्भवती कैसे हुई थी?

राम जी की कितनी पत्नियां थी?

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