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Sankashti Chaturthi February 2024: संकष्टी चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो बाधाओं के निवारणकर्ता और ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश को समर्पित है। यह हिंदू कैलेंडर माह माघ में कृष्ण पक्ष (चंद्रमा के घटते चरण) के चौथे दिन (चतुर्थी) को मनाया जाता है। यह त्यौहार भगवान गणेश के भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और इसे बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
"संकष्टी" शब्द का अर्थ कठिन समय के दौरान मुक्ति है, और ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को रखने और इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाओं और परेशानियों पर काबू पाने में मदद मिलती है। भक्त जल्दी उठते हैं, पवित्र स्नान करते हैं और भगवान गणेश को समर्पित विशेष अनुष्ठान करते हैं। वे पूरे दिन कठोर उपवास रखते हैं और केवल फल, मेवे और जड़ें खाते हैं।
संकष्टी चतुर्थी की शाम को सबसे शुभ समय माना जाता है। भक्त भगवान गणेश की पूजा (अनुष्ठान पूजा) करने के लिए मंदिरों या घर पर इकट्ठा होते हैं। इस पूजा में देवता को मोदक (मीठी पकौड़ी), दूर्वा घास, लाल फूल और नारियल चढ़ाना शामिल है। इस दिन चंद्रमा की भी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से आशीर्वाद मिलता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
चांद देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है। भक्त चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं और फिर प्रसाद (भगवान को चढ़ाया जाने वाला भोजन) और भोजन खाकर अपना उपवास तोड़ते हैं। यह व्रत शक्तिशाली माना जाता है और जो लोग इसे ईमानदारी से करते हैं उन्हें समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशी का आशीर्वाद मिलता है।
संकष्टी चतुर्थी न केवल एक धार्मिक त्योहार है, बल्कि पारिवारिक समारोहों और दावत का भी समय है। यह लोगों के लिए एक साथ आने, प्रार्थना करने और सामंजस्यपूर्ण और सफल जीवन के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने का एक अवसर है। यह त्योहार पूरे भारत में उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है, खासकर महाराष्ट्र में, जहां इसका विशेष महत्व है।
संकष्टी चतुर्थी फरवरी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त ✨
संकष्टी चतुर्थी फरवरी 2024 इस दिन माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी, सोमवार को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से लेकर 30 जनवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. उदयातिथि के अनसार, संकष्टी चतुर्थी 29 जनवरी को ही मनाई जाएगी.