कार्तिका दीपम एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी हिस्सों, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में मनाया जाता है। यह त्योहार आमतौर पर तमिल महीने कार्तिगाई (नवंबर-दिसंबर) में आता है और भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित है। इस त्यौहार को कार्तिगाई दीपम या त्रिकार्थिका के नाम से भी जाना जाता है।
🕉️Karthik Deepam🕉️ |
"कार्तिका दीपम" नाम दो शब्दों से बना है: "कार्तिका," महीने का नाम, और "दीपम", जिसका अर्थ है दीपक या रोशनी। त्योहार का केंद्रीय विषय दीपक और अलाव जलाने के इर्द-गिर्द घूमता है।
कार्तिक दीपम के मुख्य अनुष्ठानों में से एक तमिलनाडु के तिरुवन्नमलाई शहर में अरुणाचल की पहाड़ी पर महा दीपम, एक विशाल दीपक जलाना है। भक्तों का मानना है कि यह कृत्य भगवान शिव के दिव्य प्रकाश का प्रतीक है। महा दीपम की रोशनी एक भव्य कार्यक्रम है जो हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
घरों को पारंपरिक तेल के दीयों से सजाया जाता है, और लोग प्रवेश द्वारों को रंगीन रंगोली (रंगीन पाउडर, चावल या फूलों की पंखुड़ियों का उपयोग करके जमीन पर बनाए गए कलात्मक पैटर्न) से सजाते हैं। इसका उद्देश्य अंधकार को दूर करना और सकारात्मकता और समृद्धि लाना है।
कार्तिक दीपम के दौरान भक्त भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करने के लिए मंदिरों में भी जाते हैं। विशेष पूजाएँ (अनुष्ठान) आयोजित की जाती हैं, और वातावरण आध्यात्मिक उत्साह से भर जाता है। कुछ क्षेत्रों में, भक्त कार्तिक दीपम के दिन उपवास रखते हैं, और इसे दीप जलाने के बाद ही तोड़ते हैं।
इस त्यौहार का एक अनोखा पहलू घरों और मंदिरों के आसपास मिट्टी के दीपक जलाने की प्रथा है। यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि जलाए गए दीपक नकारात्मकता को दूर करते हैं और घर में आशीर्वाद लाते हैं।
कार्तिक दीपम का धार्मिक महत्व के अलावा सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी है। परिवार जश्न मनाने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और पारंपरिक मिठाइयाँ बाँटने के लिए एक साथ आते हैं। यह त्यौहार समुदाय की भावना को बढ़ावा देता है क्योंकि लोग उत्सव में शामिल होते हैं, जिससे सामाजिक बंधन मजबूत होते हैं।
हाल के दिनों में, कार्तिका दीपम ने मीडिया और पर्यटन क्षेत्रों में प्रमुखता हासिल की है। त्योहार से जुड़ी समृद्ध परंपराओं को प्रदर्शित करने के लिए विशेष कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। रोशनी का मनमोहक प्रदर्शन और उत्सव का माहौल देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को आकर्षित करता है।
अंत में, कार्तिका दीपम एक आनंदमय त्योहार है जो धार्मिक भक्ति, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक उत्सवों का मिश्रण है। घरों और अरुणाचल की पवित्र पहाड़ी पर दीपक जलाना अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है, जो इसे लाखों भक्तों के लिए आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण अवसर बनाता है। त्योहार के सांस्कृतिक और सामाजिक आयाम इसकी व्यापक लोकप्रियता में योगदान करते हैं, जिससे यह भारतीय त्योहार कैलेंडर का एक पोषित और जीवंत हिस्सा बन जाता है।
कार्तिगाई दीपम तिथि 2023(Karthigai Deepam date 2023)
कार्तिगाई दीपम तिथि 2023 26 नवंबर है और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 2:05 बजे से शुरू होगा।